“मैं केमिस्ट्री हूं”

दोस्तों,  “मैं केमिस्ट्री हूं,” टॉपिक देखकर आपको अजीब जरूर लगा होगा, परंतु यह सचमुच सत्य है अगर मैं कहूं कि आप भी केमिस्ट्री हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी आप और मैं क्या,इस ब्रम्हांड की हर एक चीज़ केमिस्ट्री ही तो है।

हम सभी सजीव और निर्जीव चाहे वह ठोस हो,द्रव हो, या गैस हो सब की रचना किसी ना किसी परमाणु, तत्व या ॶणुओ से हुई है। हमारे जीवन की समस्त प्रक्रियाओं में भी रासायनिक पदार्थों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यहां तक की हमारे सोचने, डरने, क्रोध में आने, चिड़चिड़ाने या प्रेम करने के पीछे भी एक केमिस्ट्री है अथार्थ रसायन ही इसके लिए उत्तरदाई हैं । हम जो खाना खाते हैं, कपड़े पहनते हैं, बीमार होने पर दवाइयां लेते हैं,या पढ़ने लिखने के लिए जो वस्तुएं उपयोग में लाते हैं यह सभी केमिस्ट्री की ही देन है।

हमारा शरीर भी कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि तत्वों से मिलकर बना है और हमारे शरीर का कंकाल भी मुख्य रूप से कैल्शियम, फास्फोरस आदि का बना होता है। हमारे जीवन के मुख्य तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, हार्मोन तथा न्यूक्लिक अम्ल आदि हैं जिसके बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कार्बोहाइड्रेट मतलब सरल शब्दों में कहें तो शर्करा या स्टार्च हमारी ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। प्रोटीन से हमारी त्वचा और मांसपेशिया बनी है। खून में पाए जाने वाला लाल रंग जो कि हीमोग्लोबिन के कारण होता है, वह भी एक प्रोटीन है । हमारे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन इसी के कारण होता है। समस्त  एंजाइम प्रोटीन से बने होते हैं जो कि शरीर के अंदर होने वाली क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाते हैं और इन एंजाइम को सक्रिय करने के लिए सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम आदि तत्व आवश्यक होते हैं।

तो आपने जाना किस तरह हम और हमारे आस पास जो भी चीजें हैं, जो भी हम देखते हैं, जो भी हम जानते हैं वह सब केमिस्ट्री है और इस केमिस्ट्री के साथ एक केमिस्ट्री अथार्थ एक सामंजस्य बैठाना नितांत आवश्यक है आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट पसंद आएगी।

धन्यवाद

नवीन शर्मा.

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24 COMMENTS

  1. बहुत अच्छा विवरण दिया।हमारी संस्कृति अनुसार पंचतत्व शरीर की केमिस्ट्री को समझाया सटीक रूपांतरण किया।धन्यवाद।

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